“प्रभु की कृपा भयो सब काजू, जन्म हमार सुफल भा आजू“
रामचरित मानस के सुंदरकांड (Sunderkand) में हनुमान जी द्वारा कही गई यह चौपाई भगवान राम की कृपा और हनुमान जी के भक्तिभाव का सटीक वर्णन करती है। इस चौपाई में, हनुमान जी भगवान राम की कृपा से होने वाले सभी कार्यों की सफलता की बात कर रहे हैं। वे कहते हैं कि प्रभु की कृपा से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं।
पहली पंक्ति में, हनुमान जी भगवान राम की कृपा से होने वाले सभी कार्यों की सफलता की बात कर रहे हैं। वे कहते हैं कि प्रभु की कृपा से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। यहाँ, “सब काजू” से तात्पर्य है सभी कार्य।
दूसरी पंक्ति में, हनुमान जी अपने जन्म को सफल मानते हैं। वे कहते हैं कि आज का दिन उनके जीवन का सबसे सुफल दिन है क्योंकि उन्होंने भगवान राम की सेवा करने का मौका पाया है। यहाँ, “जन्म हमार सुफल भा आजू” से तात्पर्य है कि आज का दिन उनके जन्म का सबसे सुफल दिन है।
इस चौपाई में, हनुमान जी(Hanuman ji) का भगवान राम के प्रति अटूट भक्तिभाव और विश्वास झलकता है। वे जानते हैं कि भगवान राम की कृपा से उन्हें सभी कार्यों में सफलता मिलेगी।
इस चौपाई का अर्थ विभिन्न संदर्भों में लगाया जा सकता है। यह एक व्यक्तिगत स्तर पर भी लागू हो सकता है, जहां कोई व्यक्ति अपने जीवन में भगवान की कृपा से होने वाली सफलता की बात कर रहा हो। यह एक राष्ट्रीय स्तर पर भी लागू हो सकता है, जहां कोई व्यक्ति अपने देश की प्रगति को भगवान की कृपा का परिणाम मान रहा हो।
यह चौपाई हमें यह भी सिखाती है कि जीवन में सफल होने के लिए भगवान की कृपा का होना आवश्यक है। जब हम भगवान की कृपा प्राप्त कर लेते हैं, तो हमारे सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं।
यह चौपाई एक शक्तिशाली और प्रेरणादायक चौपाई है जो हमें जीवन में आगे बढ़ने और भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।
आइए, इस चौपाई के अर्थ को और विस्तार से समझते हैं।
प्रथम पंक्ति में, हनुमान जी कहते हैं कि “प्रभु की कृपा भयो सब काजू।” यहाँ, “सब काजू” से तात्पर्य है सभी कार्य। हनुमान जी कहते हैं कि भगवान की कृपा से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं।
इस पंक्ति का अर्थ यह है कि जब हम भगवान की कृपा प्राप्त कर लेते हैं, तो हमारे सभी कार्य सफल हो जाते हैं। चाहे वह कोई छोटा-सा कार्य हो या बड़ा-सा कार्य, जब भगवान की कृपा होती है, तो वह कार्य अवश्य ही सिद्ध हो जाता है।
दूसरी पंक्ति में, हनुमान जी कहते हैं कि “जन्म हमार सुफल भा आजू।” यहाँ, “जन्म हमार सुफल भा आजू” से तात्पर्य है कि आज का दिन उनके जन्म का सबसे सुफल दिन है।
इस पंक्ति का अर्थ यह है कि हनुमान जी को आज के दिन भगवान राम की सेवा करने का मौका मिला है। उनके लिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन से उनके जीवन का उद्देश्य पूर्ण हो गया है।
इस चौपाई में, हनुमान जी का भगवान राम के प्रति अटूट भक्तिभाव और विश्वास झलकता है। वे जानते हैं कि भगवान राम की कृपा से उन्हें सभी कार्यों में सफलता मिलेगी।
यह चौपाई एक प्रेरणादायक चौपाई है जो हमें जीवन में आगे बढ़ने और भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। यह हमें सिखाती है कि जीवन में सफल होने के लिए भगवान की कृपा का होना आवश्यक है।
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आइए, इस चौपाई से हमें मिलने वाले कुछ महत्वपूर्ण संदेश पर विचार करें। (Importance of sunderkand path)
- भगवान की कृपा से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं।
- जब हम भगवान की कृपा प्राप्त कर लेते हैं, तो हमारे सभी कार्य सफल हो जाते हैं।
- भगवान की कृपा से हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
तो, आइए, हम सभी भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रयास करें। जब हम भगवान की कृपा प्राप्त कर लेते हैं, तो हमारा जीवन सफल हो जाता है।