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सुंदरकांड पाठ छंद

सुंदरकांड के छंद भावार्थ सहित

सुंदरकांड के छंद भावार्थ सहित

कनक कोटि बिचित्र मनि कृत सुंदरायतना घना। चउहट्ट हट्ट सुबट्ट बीथीं चारु पुर बहु बिधि बना॥ गज बाजि खच्चर निकर पदचर रथ बरूथन्हि को गनै।… Read More »सुंदरकांड के छंद भावार्थ सहित