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सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 7

Sunderkand Paath Chopai Part 7

Sunderkand Paath Chopai Part 7 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 7

सुनहु पवनसुत रहनि हमारी। जिमि दसनन्हि महुँ जीभ बिचारी॥ तात कबहुँ मोहि जानि अनाथा। करिहहिं कृपा भानुकुल नाथा॥1॥ (विभीषणजी ने कहा-) हे पवनपुत्र! मेरी रहनी… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 7 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 7