Sunderkand Paath Chaupai Part 57 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 57
सुनत सभय मन मुख मुसुकाई। कहत दसानन सबहि सुनाई॥ भूमि परा कर गहत अकासा। लघु तापस कर बाग बिलासा॥1॥ पत्रिका सुनते ही रावण मन में… Read More »Sunderkand Paath Chaupai Part 57 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 57