Sunderkand Paath Chopai Part 37 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 37
श्रवन सुनी सठ ता करि बानी। बिहसा जगत बिदित अभिमानी॥ सभय सुभाउ नारि कर साचा। मंगल महुँ भय मन अति काचा॥1॥ मूर्ख और जगत प्रसिद्ध… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 37 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 37