Skip to content

Sunderkand Paath Chopai Part 44

Sunderkand Paath Chopai Part 44

Sunderkand Paath Chopai Part 44 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 44

कोटि बिप्र बध लागहिं जाहू। आएँ सरन तजउँ नहिं ताहू॥ सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं। जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं॥1॥ जिसे करोड़ों ब्राह्मणों की हत्या… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 44 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 44

Exit mobile version