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Anjani

Sunderkand Paath Chopai Part 22

Sunderkand Paath Chopai Part 22 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 22

जानउँ मैं तुम्हारि प्रभुताई। सहसबाहु सन परी लराई॥ समर बालि सन करि जसु पावा। सुनि कपि बचन बिहसि बिहरावा॥1॥ मैं तुम्हारी प्रभुता को खूब जानता… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 22 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 22

Sunderkand Paath Chopai Part 21

Sunderkand Paath Chopai Part 21 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 21

कह लंकेस कवन तैं कीसा। केहि कें बल घालेहि बन खीसा॥ की धौं श्रवन सुनेहि नहिं मोही। देखउँ अति असंक सठ तोही॥1॥ लंकापति रावण ने… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 21 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 21

Sunderkand Paath Chopai Part 20

Sunderkand Paath Chopai Part 20 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 20

ब्रह्मबान कपि कहुँ तेहिं मारा। परतिहुँ बार कटकु संघारा॥ तेहिं देखा कपि मुरुछित भयऊ। नागपास बाँधेसि लै गयऊ॥1॥ उसने हनुमान्‌जी को ब्रह्मबाण मारा, (जिसके लगते… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 20 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 20

Sunderkand Paath Chopai Part 19

Sunderkand Paath Chopai Part 19 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 19

सुनि सुत बध लंकेस रिसाना। पठएसि मेघनाद बलवाना॥ मारसि जनि सुत बाँधेसु ताही। देखिअ कपिहि कहाँ कर आही॥1॥ पुत्र का वध सुनकर रावण क्रोधित हो… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 19 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 19

Sunderkand Paath Chopai Part 18

Sunderkand Paath Chopai Part 18 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 18

चलेउ नाइ सिरु पैठेउ बागा। फल खाएसि तरु तोरैं लागा॥ रहे तहाँ बहु भट रखवारे। कछु मारेसि कछु जाइ पुकारे॥1॥ वे सीताजी को सिर नवाकर… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 18 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 18

Sunderkand Paath in Hindi Free Download

Sunderkand PDF Download in Hindi | सुंदरकांड पाठ हिंदी में डाउनलोड

Sunderkand ka paath, रामायण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें भगवान श्री राम के जीवन, धर्म, और प्रेम के सुंदर अध्यायों से मिलता है।… Read More »Sunderkand PDF Download in Hindi | सुंदरकांड पाठ हिंदी में डाउनलोड

Sunderkand Paath Chopai Part 17

Sunderkand Paath Chopai Part 17 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 17

मन संतोष सुनत कपि बानी। भगति प्रताप तेज बल सानी॥ आसिष दीन्हि राम प्रिय जाना। होहु तात बल सील निधाना॥1॥ भक्ति, प्रताप, तेज और बल… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 17 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 17

Sunderkand Paath Chopai Part 16

Sunderkand Paath Chopai Part 16 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 16

जौं रघुबीर होति सुधि पाई। करते नहिं बिलंबु रघुराई॥ राम बान रबि उएँ जानकी। तम बरुथ कहँ जातुधान की॥1॥ श्री रामचंद्रजी ने यदि खबर पाई… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 16 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 16

Sunderkand Paath Chopai Part 15

Sunderkand Paath Chopai Part 15 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 15

कहेउ राम बियोग तव सीता। मो कहुँ सकल भए बिपरीता॥ नव तरु किसलय मनहुँ कृसानू। कालनिसा सम निसि ससि भानू॥1॥ (हनुमान्‌जी बोले-) श्री रामचंद्रजी ने… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 15 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 15

Sunderkand Paath Chopai Part 14

Sunderkand Paath Chopai Part 14 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 14

हरिजन जानि प्रीति अति गाढ़ी। सजल नयन पुलकावलि बाढ़ी॥ बूड़त बिरह जलधि हनुमाना। भयहु तात मो कहुँ जलजाना॥1॥ भगवान का जन (सेवक) जानकर अत्यंत गाढ़ी… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 14 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 14