Skip to content

Anjani

Sunderkand Paath Chopai Part 4 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 4

Sunderkand Paath Chopai Part 4 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 4

मसक समान रूप कपि धरी। लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी॥ नाम लंकिनी एक निसिचरी। सो कह चलेसि मोहि निंदरी॥1॥ हनुमान्‌जी मच्छड़ के समान (छोटा सा) रूप… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 4 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 4

सुंदरकांड के छंद भावार्थ सहित

कनक कोटि बिचित्र मनि कृत सुंदरायतना घना। चउहट्ट हट्ट सुबट्ट बीथीं चारु पुर बहु बिधि बना॥ गज बाजि खच्चर निकर पदचर रथ बरूथन्हि को गनै।… Read More »सुंदरकांड के छंद भावार्थ सहित

Sunderkand Paath Chopai Part 3 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 3

निसिचरि एक सिंधु महुँ रहई। करि माया नभु के खग गहई॥ जीव जंतु जे गगन उड़ाहीं। जल बिलोकि तिन्ह कै परिछाहीं॥1॥ समुद्र में एक राक्षसी… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 3 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 3

Sunderkand Paath Chopai Part 2 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 2

जात पवनसुत देवन्ह देखा। जानैं कहुँ बल बुद्धि बिसेषा॥ सुरसा नाम अहिन्ह कै माता। पठइन्हि आइ कही तेहिं बाता॥1॥ देवताओं ने पवनपुत्र हनुमान्‌जी को जाते… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 2 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 2

Sunderkand Paath Chopai Part 1 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 1

जामवंत के बचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए॥ तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुख कंद मूल फल खाई॥1॥ जाम्बवान्‌ के सुंदर वचन… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 1 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 1

Suderkand Paath Shlok Sanskrit to Hindi | सुदरकांड पाठ संस्कृत श्लोक

श्लोक :शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदंब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्‌।रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिंवन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम्‌॥1॥ अर्थ:- शान्त, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशान्ति देने वाले, ब्रह्मा,… Read More »Suderkand Paath Shlok Sanskrit to Hindi | सुदरकांड पाठ संस्कृत श्लोक

Exit mobile version