Sunderkand Paath Chopai Part 3 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 3
निसिचरि एक सिंधु महुँ रहई। करि माया नभु के खग गहई॥ जीव जंतु जे गगन उड़ाहीं। जल बिलोकि तिन्ह कै परिछाहीं॥1॥ समुद्र में एक राक्षसी… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 3 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 3