Sunderkand Paath Chopai Part 36 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 36
उहाँ निसाचर रहहिं ससंका। जब तें जारि गयउ कपि लंका॥ निज निज गृहँ सब करहिं बिचारा। नहिं निसिचर कुल केर उबारा।1॥ वहाँ (लंका में) जब… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 36 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 36