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सुंदरकांड का पाठ कैसे करें- मनोकामना पूर्ति और लाभ (Sunderkand ka Paath Kaise Kare- Manokamna Poorti aur Labh)

Sunderkand ka Path Kaise Kare

सुंदरकांड का पाठ कैसे करें, कब करना चाहिए, और इसके क्या फायदे हैं?

सुंदरकांड रामचरितमानस का एक महत्त्वपूर्ण अध्याय है। इस अध्याय में हनुमान जी की वीरता, शक्ति, और भक्ति का वर्णन है। सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता मिलती है।

सुंदरकांड का पाठ कैसे करें (Sunderkand ka paath kaise kare)

सुंदरकांड का पाठ करने के लिए सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर, एकांत स्थान पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद, हनुमान चालीसा का पाठ करें। फिर, सुंदरकांड का पाठ शुरू करें। पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें, और हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखें।

सुंदरकांड का पाठ कब करना चाहिए (Sunderkand ka paath kab karna chahiye)

सुंदरकांड का पाठ मंगलवार या शनिवार के दिन करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा, आप रोजाना भी सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं। सुंदरकांड का पाठ सुबह या शाम के चार बजे के बाद करना चाहिए। दोपहर में 12 बजे के बाद सुंदरकांड का पाठ नहीं करना चाहिए।

सुंदरकांड का पाठ करने के फायदे (Sunderkad ka path karne ke fayde)

सुंदरकांड का पाठ करने से निम्नलिखित फायदे होते हैं:

  • हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
  • जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता मिलती है।
  • मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
  • रोगों से छुटकारा मिलता है।
  • एकाग्रता और बुद्धि बढ़ती है।
  • आत्मविश्वास बढ़ता है।

सुंदरकांड का पाठ करने का समय (Sunderkand ka path karne ka samay)

सुंदरकांड का पाठ करने का सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त होता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके सुंदरकांड का पाठ करने से विशेष लाभ होता है। इसके अलावा, आप सुबह या शाम के चार बजे के बाद भी सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं। दोपहर में 12 बजे के बाद सुंदरकांड का पाठ नहीं करना चाहिए।

सुंदरकांड के चमत्कारी मंत्र

सुंदरकांड का पाठ करने की विधि (Sunderkand ka path karne ki vidhi)

सुंदरकांड का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. एकांत स्थान पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें।
  3. हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  4. फिर, सुंदरकांड का पाठ शुरू करें।
  5. पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें, और हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखें।
  6. पाठ समाप्त होने के बाद, हनुमान जी को प्रसाद अर्पित करें।

सुंदरकांड का पाठ करने के लिए कुछ सुझाव (Sunderkand ka path karne ke liye kucch sujhav)

  • सुंदरकांड का पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें।
  • हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखें।
  • पाठ को ध्यान से सुनें या पढ़ें।
  • पाठ करते समय किसी भी प्रकार का व्यवधान न आने दें।

सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता मिलती है। यह पाठ हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।

>>>Sunderkand ki puja vidhi<<<

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