Sunderkand Paath Chaupai Part 60 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 60
नाथ नील नल कपि द्वौ भाई। लरिकाईं रिषि आसिष पाई॥ तिन्ह कें परस किएँ गिरि भारे। तरिहहिं जलधि प्रताप तुम्हारे॥1॥ (समुद्र ने कहा)) हे नाथ!… Read More »Sunderkand Paath Chaupai Part 60 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 60