Skip to content

Sunderkand chaupai

Sunderkand Paath Chopai Part 30

Sunderkand Paath Chopai Part 30 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 30

जामवंत कह सुनु रघुराया। जा पर नाथ करहु तुम्ह दाया॥ ताहि सदा सुभ कुसल निरंतर। सुर नर मुनि प्रसन्न ता ऊपर॥1॥ जाम्बवान्‌ ने कहा- हे… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 30 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 30

Sunderkand Paath Chopai Part 29 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 29

जौं न होति सीता सुधि पाई। मधुबन के फल सकहिं कि काई॥ एहि बिधि मन बिचार कर राजा। आइ गए कपि सहित समाजा॥1॥ यदि सीताजी… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 29 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 29

Sunderkand Paath Chopai Part 28 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 28

चलत महाधुनि गर्जेसि भारी। गर्भ स्रवहिं सुनि निसिचर नारी॥ नाघि सिंधु एहि पारहि आवा। सबद किलिकिला कपिन्ह सुनावा॥1॥ चलते समय उन्होंने महाध्वनि से भारी गर्जन… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 28 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 28

Sunderkand Paath Chopai Part 27 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 27

संपूर्ण सुंदरकांड चौपाई दोहा सहित मातु मोहि दीजे कछु चीन्हा। जैसें रघुनायक मोहि दीन्हा॥ चूड़ामनि उतारि तब दयऊ। हरष समेत पवनसुत लयऊ॥1॥ (हनुमान्‌जी ने कहा-)… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 27 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 27

Sunderkand Paath Chopai Part 26 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 26

सुंदरकांड चौपाई दोहा सहित देह बिसाल परम हरुआई। मंदिर तें मंदिर चढ़ धाई॥ जरइ नगर भा लोग बिहाला। झपट लपट बहु कोटि कराला॥1॥ देह बड़ी… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 26 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 26

Sunderkand Paath Chopai Part 25 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 25

सुंदरकांड चौपाई दोहा सहित पूँछहीन बानर तहँ जाइहि। तब सठ निज नाथहि लइ आइहि॥ जिन्ह कै कीन्हिसि बहुत बड़ाई। देखउ मैं तिन्ह कै प्रभुताई॥1॥ जब… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 25 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 25

Sunderkand Paath Chopai Part 24 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 24

संपूर्ण सुंदरकांड चौपाई दोहा सहित जदपि कही कपि अति हित बानी। भगति बिबेक बिरति नय सानी॥ बोला बिहसि महा अभिमानी। मिला हमहि कपि गुर बड़… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 24 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 24

Sunderkand Paath Chopai Part 23 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 23

सुंदरकांड चौपाई दोहा सहित राम चरन पंकज उर धरहू। लंका अचल राजु तुम्ह करहू॥ रिषि पुलस्ति जसु बिमल मयंका। तेहि ससि महुँ जनि होहु कलंका॥1॥… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 23 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 23

Sunderkand Paath Chopai Part 22 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 22

जानउँ मैं तुम्हारि प्रभुताई। सहसबाहु सन परी लराई॥ समर बालि सन करि जसु पावा। सुनि कपि बचन बिहसि बिहरावा॥1॥ मैं तुम्हारी प्रभुता को खूब जानता… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 22 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 22

Sunderkand Paath Chopai Part 21 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 21

कह लंकेस कवन तैं कीसा। केहि कें बल घालेहि बन खीसा॥ की धौं श्रवन सुनेहि नहिं मोही। देखउँ अति असंक सठ तोही॥1॥ लंकापति रावण ने… Read More »Sunderkand Paath Chopai Part 21 | सुन्दरकाण्ड पाठ चौपाई भाग 21

Exit mobile version